बगङ का इतिहास आज की नजर में

      स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले प्रशासन की दृष्टि से शेखावाटी क्षेत्र अनेक ठिकानों में विभक्त था यंहा के ठिकानेदार जयपुर के अधीन थे उन्ही को कर चुकाते थे ,व अपने छोटे मोटे मामले भी वही निपटाते थे |

       झुंझुनू रियासत के प्रतापी शासक श्री शार्दुल सिंह जी की मृत्यु के बाद उनके पुत्रो जोरावर सिंह जी किसन सिंह जी अखय सिंह जी नवल सिंह जी और  केशरी सिंह जी में बराबर बाँट दिया गया |जिसे पांच पानो के नाम से जाना जाता है | बगड़ उन पांचों में बराबर बांटा गया इस लिये इसे पांच पानो का नगर भी कहते है |


      बगड़ की बसासत कब की है यह कोइ भी ठीक ठीक नहीं बता सकता है | कुछ लोग इसे चौहानकालीन( १५ वी शताब्दी ) तो कुछ इसे सत्रवी शताब्दी का मानते है |

      बगड़ इसका नाम क्यों पड़ा यह भी कोइ सही रूप से नहीं बता पाया है | बागड़ शब्द राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसका मतलब निर्जन स्थान या समतल और खुली भूमी से लगाया जाता है |  पुराने समय में यह भी निर्जन स्थान था इस लिये हो सकता है कि इसका नामकरण बगड़ हो गया हो | लेकिन निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है|


     शार्दुल सिंह जी से पूर्व यहां तीन सौ वर्षों तक पठानों का शासन रहा है | शार्दुल सिंह जी ने बाद में लुहारू तक का क्षेत्र जीत लिया था | और बगड़ भी उनके कब्जे में आ गया था | लेकिन बगड़ में उनका कोइ भी वंशज लंबे समय तक नहीं रहा था |यहां के मुसलमान नवाब भी उनके अधीन ही कार्य करते थे | नरहड रियासत के नवाब मोहन खा ने पीर की बददुआ के बाद यहां बगड़ को अपनी राजधानी बनायी | उसने एक महल भी बनवाया जिसमें तीन सौ चार सौ आदमी आसानी से रह सकते है | आज वो महल मोतीलाल की धर्मशाला के नाम से जाना जाता है | रख रखाव के अभाव में जर्जर हो रहा है | बाद में उनके प्रपौत्र  श्री मालम सिंह जी (वि.स.१८४०) बगड़ में आये आये शासन किया | स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद रियासतो  का विलिनीकरण हो गया और इस नगर को भी राजस्थान राज्य में मिला लिया गया |


    बाद में नगर पालिका का गठन हुआ जिसमें अब तक पालिका अध्यक्ष निम्न प्रकार से रहे है |


क्र.सं.पालिका अध्यक्ष का नाम


1
श्री रिमझाली खां
2श्री जोहरी मल रूंगटा
3श्री केशरी सिंह शेखावत
4श्री राधेश्याम दाधीच
5श्री महादेव प्रसाद बंका 
6श्री राम कुमार सैनी
7श्री माला राम चाहर
8श्री माँगी लाल माहेश्वरी
9श्री कमला प्रसाद जांगिड (कार्य वाहक )
10श्री नारायण सिंह राठौड ,
11श्री महादेव प्रसाद बंका (कार्यवाहक )
12श्री फतेह सिंह शेखावत ,
13श्री भवानी सिंह राठौड ,
14श्री विक्रम सिंह शेखावत ,
15श्री जगदीश कल्याण 
16श्री राजेन्द्र शर्मा
17श्री सतवीर बरबड
18श्री राजेन्द्र शर्मा 
19श्रीमती सुशीला बुन्देला (वर्तमान में )

1 comment:

  1. bagar ke baare me bhai naresh ne bahut hi achhi jankari di hai yaha tak ki hum bagarwasi hone ke bavjud bhi bagar ka itihas jyada nahi jante. hardik shubhkamno ke sath!

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