इतिहास के आईने से - बी.एल.स्कूल और फ़ुटबाल


शेखावाटी क्षेत्र में बसा, बगङ (जिला -झुंझुनूं ) कस्बा आजादी से पूर्व भी शिक्षा की दृष्टि से समृद्ध था | क्योंकि 1914 में ही सेठ बिश्वंभर लाल जी माहेश्वरी ने एक प्राथमिक विधालय की स्थापना की थी जिससे गरीब लोगों को भी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हो सके | १९३१ में सेठ बिश्वंभर लाल जी माहेश्वरी द्वारा तीन मंजिला विद्यालय भवन का निर्माण करवाया तथा हाई स्कूल तक शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की | सेठ जी छात्रों के सर्वागीण विकास पर बहुत ध्यान देते थे | सेठ जी को फुटबाल खेल से बहुत प्रेम था| जिसके कारण बगङ में 1944 में सेठ बिश्वंभर लाल चैलेंज शील्ड फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन शुरू हुआ |

वैसे आजादी से पूर्व ही बिश्वंभर लाल हाई स्कूल के श्री विष्णुदत्त शर्मा (आबूसर) का 1931 में राजपुताना स्टेट की फुटबॉल टीम में चयन किया गया | इनके साथ के श्री केशरीसिंह शेखावत श्री बृजमोहन चाण्डक फुटबॉल के बहुत अच्छे खिलाड़ियों मे गिने जाते थे |

1940 के लगभग श्री मगनसिंह तंवर (मांवडा ) जो कि बी ॰ एल ॰ स्कूल के खिलाड़ी थे, जो राजपूताना में फुटबाल की जानी मानी हस्ती थे | जिन्होंने भारत की तरफ से अफग़ानिस्तान में फुटबाल के मैच मे भाग लिया | इन्हीं के समकालीन श्री चन्द्र सिंह (नवलगढ़),हनुमान सिंह चौधरी (हनुमान पूरा),पृथ्वी सिंह (कूदान) वीरेंद्र सिंह राठौड़ (बगड़) बी.एल. स्कूल व बगड़ से राजपूताना में फुटबाल के प्रतिष्ठित खिलाड़ी रहे |1950 के दशक में बी.एल. विधालय की टीम के श्री मोहन लाल माखरिया,सवाई सिंह शेखावत व वीरेंद्र सिंह राठौड ने राज्यस्तर पर भाग लिया इन्ही के साथ अन्य श्री राधेश्याम दाधीच (बगड),भंवर लाल पुरोहित(बगड) सांवर मल मोरोलिया ,मोती लाल मोरोलिया, रामविलास रूंगटा , मूल सिंह शेखावत महावीर प्रसाद शर्मा ,नारायण लाल मीणा व सोहन लाल मीणा जाने माने राज्य स्तर के खिलाड़ी थे |

आजादी से पूर्व 1940 से 47 तक कैरोल फुटबाल टूर्नामैंट खेतडी रियासत द्वारा करवाए जाते थे | जिसमें भी बगड़ की फुटबाल टीम भाग लेती थी | इसी तरह सूरजगढ़ की श्री कृष्णा परिषद द्वारा फुटबाल ट्राफी का आयोजन किया जाता था जिसमें यह विधालय पांच वर्ष लगातार प्रथम रहा | पिछले कई दशकों में बी. एल. की फुटबाल टीम की राजपूताना में धाक रही है | 1960 के दशक में भी विधालय के केशवदेव पुरोहित ने राजस्थान राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत की फुटबाल टीम में भाग लिया इन्ही के साथी श्री भगवती ओझा,नगेन्द्र दाधीच (भाई जी),मन्ना लाल शर्मा ,महावीर प्रसाद शर्मा ,बनवारी लाल बिजारणिया (लाकड) ,शिव भगवान अडीचवाल,नौरंग लाल झाझडिया ,रामेश्वर भेडिया,मुरारी लाल दाधीच (सभी बगड़) रामवतार ,गोविन्दराम (सूरजगढ़) एवं हनुमान सिंह ,मदन सिंह (कालीपहाडी) मग्न सिंह सुगन सिंह (जयपहाडी) फुटबाल के बहुत ही अच्छे खिलाड़ी थे |

श्री मुरारी लाल दाधीच बहुत ही जाने माने खिलाड़ी थे लेकिन मैच के दौरान धायल होने की वजह से राष्टीय स्तर पर भाग लेने से वंचित रह गए | सन 1960 से 60 के बीच में बी.एल. स्कूल ,बगड़ ने फुटबाल के नामी खिलाड़ी राज्य को प्रदान किये | इनमें श्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ व कीर्ति अडीचवाल (बगड़) बहुत ही मंजे हुए खिलाड़ी थे | श्री भवानी सिंह राठौड़ (बगड़)विक्रम सिंह शेखावत कालीपहाड़ी ,महेंद्र बिजारणियां व विजय सिंह शेखावत ,मोहनलाल पुरोहित (बगड़)राजेन्द्र दाधीच (बगड़) ने राज्य स्तर पर फुटबाल मैच में भाग लिया तथा वर्तमान में बहुत अच्छे पदों पर कार्यरत है |

इसी दशक में कुछ अन्य जाने पहचाने खिलाड़ी श्री किसन लाल अडीचवाल ,गोपी राम शर्मा (मास्टर जी) केशरदेव पुरोहित (जूनियर) मोती सिंह शेखावत हीरानन्द बिजारणिया दलीप सिंह झाझडिया प्रहलाद राय गहलोत सीता राम दाधीच,राधेश्याम शर्मा जसरापुरिया ,शिव ओंकार सैन (खुडाना)माडूराम सैनी पीरामल मीना विधाधर (गाडाखेडा) सत्यनारायण दाधीच परमेश्वर शर्मा (पेच) मालीराम बिजारणिया (बगड़) मुस्ताक अली इस्लाम पुर सतीश ओझा भंवर लाल जोगी माखर रामस्वरूप भेडिया थे |

सेठ बिश्वंभर लालजी महेश्वरी का खेल से विशेष प्रेम होने की वजह से फुटबाल के इस खेल में इस क्षेत्र में ही नहीं वरन समूचे प्रांत में ही इस स्कूल की टीम सर्वोच्च रही | और जो स्कूल के खिलाड़ी थे वे खेल की बदौलत आज अच्छे पदों पर कार्य कर रहे है | बी. एल स्कूल और सेठ बिश्व्म्भर लाल जी महेश्वरी का ये योगदान आज बगड़ के लिए अमूल्य योगदान है | (लेखक . मुकुंद सिंह शेखावत ,बगड़ स्मारिका 2009 से सभार )

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